NIPUN Bharat Mission | निपुण भारत मिशन (मिशन प्रेरणा फेज-2)

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शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2026-27 तक प्राथमिक कक्षाओं में सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करने तथा कक्षा 3 तक सभी बच्चों में पढ़ने-लिखने और संख्या ज्ञान में ग्रेड स्तर की अपेक्षित योग्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से “राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन(निपुण भारत मिशन) प्रारम्भ किया गया है.

भारत सरकार द्वारा “निपुण भारत” के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये पूर्व से संचालित मिशन प्रेरणा को अतिक्रमित करते हुए “मिशन प्रेरणा फेज-2 निपुण भारत मिशन” के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है.

“निपुण भारत” मिशन का विज़न व उद्देश्य

  • वर्ष 2026-27 तक प्राथमिक कक्षाओं में सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त कराना और यह सुनिश्चित करना कि सभी बच्चे कक्षा 3 तक पढ़ने, लिखने और संख्या ज्ञान में ग्रेड स्तर की योग्यता प्राप्त कर लें.
  • 3 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों की अधिगम आवश्यकताओं, अधिगम अंतराल और इसके संभावित कारणों की पहचान करना और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्यनीतियों की पहल करना.
  • प्री-स्कूल एवं कक्षा-1 के बीच सम्बन्ध स्थापित करने और सुचारू कक्षा अंतरण के उद्देश्य से एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए ईसीसीई पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क को आंगनबाड़ी और प्री-प्राइमरी स्कूल दोनों द्वारा अपनाया जाना ताकि कक्षा-1 में सुचारू कक्षा-अंतरण सुनिश्चित किया जा सके.

निपुण भारत का लक्ष्य

“निपुण भारत” मिशन के अन्तर्गत वर्ष 2026-27 तक बालवाटिका से कक्षा-3 के शत-प्रतिशत बच्चों में मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान का लक्ष्य प्राप्त किया जाना.

“निपुण भारत” मिशन के घटक

“निपुण भारत” के अर्न्तगत निर्धारित लक्ष्यों की सम्प्राप्ति हेतु मुख्य घटक निम्नवत हैं :

निपुण भारत के लक्ष्य और सूची : मिशन के अधिगम ध्येय

बालवाटिका से कक्षा 3 के लिये वर्ष 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान का अधिगम स्तर सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निपुण भारत के अन्तर्गत लक्ष्य सूची निर्धारित किये गये हैं, मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये सम्पूर्ण साक्षरता और संख्या ज्ञान के लक्ष्य बाल वाटिका से कक्षा 3 तक के लिये निर्धारित किये गये हैं, जो निम्नवत् हैं :

भाषागणित
बालवाटिका1)अक्षरों और संगत ध्वनियों को पहचान लेते हैं.
2)कम से कम दो अक्षर वाले सरल शब्दों को पढ़ लेते हैं.
1)10 तक के अंकों को पहचान और पढ़ लेते हैं.
2)एक क्रम में घटनाओं की संख्या, वस्तुओं, आकृतियों, घटनाओं को व्यवस्थित कर लेते हैं.
कक्षा-11)अर्थ के साथ पढ़ लेते हैं.
2)ऐसे छोटे वाक्य जो आयु के अनुसार किसी अज्ञात पाठ का भाग हो, जिसमें 4-5 सरल शब्द हों को पढ़ लेते हैं.
1)99 तक की संख्यायें पढ़ एवं लिख लेते हैं.
2)सरल जोड़ और घटाव कर लेते हैं.
कक्षा-21)अर्थ के साथ पढ़ लेते हैं.
2)45-60 शब्द प्रति मिनट प्रवाह के साथ पढ़ लेते हैं.
1)999 तक की संख्यायें पढ़ और लिख लेते हैं.
2)99 तक की संख्याओं का घटाव कर लेते हैं.
कक्षा-31)अर्थ के साथ पढ़ लेते हैं.
2)न्यूनतम 60 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ लेते हैं.
1)9999 तक की संख्यायें पढ़ और लिख लेते हैं.
2)सरल गुणा समस्याओं को हल कर लेते हैं.
  • उक्त निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप किसी विद्यालय के शत-प्रतिशत बच्चों द्वारा ग्रेड कम्पीटेंसी हासिल किये जाने के उपरान्त विद्यालय को “प्रेरक विद्यालय” घोषित किया जायेगा.
  • उक्तानुसार किसी विकासखण्ड के शत-प्रतिशत बच्चों द्वारा निर्धारित दक्षतायें प्राप्त किये जाने की दशा में उक्त विकासखण्ड को “प्रेरक विकासखण्ड” (POLE-Pocket of Learning Excellence) के रूप में घोषित किया जायेगा.
  • इसी प्रकार जिस जनपद के समस्त विकासखण्डों द्वारा स्वतंत्र मूल्यांकन में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया जायेगा, उन्हें “प्रेरक जनपद” घोषित किया जायेगा.

बालवाटिका

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के समन्वय से समग्र शिक्षा द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि 05 वर्ष की आयु से पूर्व प्रत्येक बच्चा एक “प्रिपरेटरी कक्षा” या “बालवाटिका” में जा सकेगा ( अर्थात् कक्षा 1 से पहले).

इन प्रिपरेटरी कक्षाओं में अधिगम मुख्य रूप से खेल आधारित शिक्षा पर फोकस किया जायेगा, जिसमें संज्ञानात्मक, भावात्मक और मनोप्रेरक क्षमताओं के विकास तथा प्रारम्भिक साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा.

स्कूल तैयारी मॉड्यूल

एन०सी०ई०आर०टी० द्वारा विकसित कक्षा-1 के विद्यार्थियों के लिए 03 माह के खेल-आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल’ (विद्याप्रवेश) एवं राज्य की स्थानीय आवश्यकताओं के दृष्टिगत एस०सी०ई०आर०टी० द्वारा स्कूल तैयारी मॉड्यूल का विकास किया गया है. यह मॉडयूल गतिविधि एवं खेल के माध्यम से अधिगम लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. स्कूल तैयारी मॉड्यूल पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को एस०सी०ई०आर०टी०, उ0प्र0 द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा.

संवर्द्धित कक्षा-कक्ष

  • विद्यालयों में कक्षा-कक्ष का वातावरण सुधारने एवं आकर्षक बनाने के लिये टी.एल.एम. वर्कबुक, प्रिंटरिच सामग्री आदि शिक्षकों एवं बच्चों को उपलब्ध करायी जायेंगी.
  • शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में खेल, खोज और गतिविधि-आधारित शिक्षण को सम्मिलित करके एक समावेशी कक्षा का वातावरण सृजित किया जायेगा.
  • अकादमिक गतिविधियों यथा- टी०एल०एम०, विभिन्न मॉड्यूल्स, किट्स एवं प्रेरणा तालिका के प्रयोग तथा सपोर्टिव सुपरविजन आदि के माध्यम से कक्षा-कक्ष का रूपान्तरण सुनिश्चित किया जायेगा.

शिक्षक प्रशिक्षण

फाउण्डेशनल लिटरेसी एवं न्यूमरेसी तथा विभाग द्वारा विकसित विभिन्न मॉडयूल्स एवं शैक्षणिक सामग्री के साथ ही निष्ठा के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्गत निर्देशानुसार शिक्षक प्रशिक्षण प्रक्रिया को नियमित एवं अद्यावधिक किये जाने के लिये राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, उoप्रo द्वारा प्रशिक्षण कोर्सेज का वार्षिक कैलेण्डर जारी किया जायेगा.

दीक्षा एवं आई०टी० प्रणाली का प्रयोग

  • S.C.E.R.T. द्वारा कक्षा 1-3 तक के ई- कन्टेंट की निपुण भारत के लक्ष्यों के सापेक्ष मैपिंग की जायेगी तथा आवश्यकतानुसार कन्टेंट में संशोधन व संवर्द्धन सुनिश्चित किया जायेगा.
  • छात्र- केंद्रित, परिणाम-केंद्रित शिक्षण के साथ स्थानीय भाषा/भाषाओं में अधिगम शिक्षण व ई- कन्टेंट के लिए दीक्षा पोर्टल को नए पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क के साथ जोड़ा जायेगा तथा विद्यालय स्तर पर इसका उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा.
  • आई०टी० प्रणाली यथा- दीक्षा, स्मार्ट क्लासेज, National Digital Education Architecture (NDEAR) आदि को बढ़ावा दिया जायेगा.

अधिगम आकलन

  • छात्र-छात्राओं के लर्निंग आउटकम्स के आधार पर विषयवार/ग्रेडवार अधिगम आकलन एवं मूल्यांकन हेतु विद्यालय आधारित आकलन, राज्य स्तरीय आकलन (Student Assessment Test) एवं राज्य परियोजना कार्यालय स्तर से चयनित वाय संस्था के माध्यम से स्वतंत्र मूल्यांकन सुनिश्चित किया जायेगा.
  • आकलन के परिणामों के आधार पर बच्चों को प्रगति कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें बच्चों की समग्र प्रगति का विवरण अंकित होगा.
  • आयोजित की गयी परीक्षा का रिपोर्ट कार्ड प्रत्येक छात्र-छात्रा के अभिभावक को प्रेषित किया जायेगा एवं प्रत्येक विद्यालय की ग्रेडिंग कराते हुए विद्यालय रिपोर्ट कार्ड खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रधानाध्यापकों को प्रेषित किया जायेगा, जिससे कि शैक्षिक गुणवत्ता में निरन्तर सुधार किया जा सके.

पुस्तकालय का उपयोग

बच्चों में पढ़ने के प्रति रूचि विकसित करने के उद्देश्य से सभी विद्यालयों में लाइब्रेरी विद रीडिंग कार्नर स्थापित किया जायेगा, जिसमें बुनियादी भाषायी एवं गणितीय कौशल से संबंधित पुस्तकें तथा कहानी की पुस्तकों से युक्त एक समृद्ध एवं क्रियाशील पुस्तकालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.

सामुदायिक सहभागिता

“निपुण भारत” के क्रियान्वयन हेतु मिशन के उद्देश्यों से समुदाय,अभिभावकों एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति को अवगत कराया जाये एवं उनकी सक्रिय सहभागिता भी सुनिश्चित करायी जायेगी.

वित्तीय प्रावधान

“निपुण भारत” मिशन के अन्तर्गत कार्यक्रमों एवं गतिविधियों का क्रियान्वयन भारत सरकार द्वारा समग्र शिक्षा के अन्तर्गत वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट में प्राप्त स्वीकृति के क्रम में समग्र शिक्षा द्वारा वहन किया जायेगा. उक्त हेतु जनपदों को प्रेषित धनराशि के व्यय आदि के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा द्वारा प्रेषित किये जायेंगे.

क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण

मिशन के प्रभावी अनुश्रवण हेतु राज्य, जनपद एवं विकासखण्ड स्तर पर निम्नवत् टास्क फोर्स गठन किया जाता है:

  • राज्य स्तरीय टास्क फोर्स
  • जनपद स्तरीय टास्क फोर्स
  • विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स

टास्क फोर्स के कार्य

“निपुण भारत” के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्यों की सम्प्राप्ति हेतु निम्नानुसार कार्य निर्धारित किये जाते हैं :

  • राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की छमाही तथा जनपद एवं विकासखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की मासिक बैठकें आहूत करते हुए टास्क फोर्स द्वारा लिये गये निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराना.
  • “निपुण भारत’ की प्रगति हेतु वार्षिक लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा एवं निर्धारित लक्ष्य की सम्प्राप्ति हेतु कार्ययोजना एवं अनुपालन
  • “निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत निर्धारित घटकों का समयबद्ध कियान्वयन एवं अनुश्रवण.
  • मिशन के लक्ष्यों की प्राप्ति में आ रही बाधाओं की पहचान तथा निराकरण सुनिश्चित कराना.
  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन और प्राथमिक शिक्षकों का क्षमता संवर्द्धन सुनिश्चित कराना, इसके लिये समस्त आवश्यक संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित कराना.
  • मिशन के महत्व से सभी हितधारकों को जागरूक करने के लिये प्रचार-प्रसार तथा प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाना.

निपुण लक्ष्य सूची

बालवाटिका या आयु 5-6 वर्ष

मौखिक भाषा
1. दोस्तों और शिक्षकों से बात करना
2.समझ के साथ तुकांत / कवितायें गाना
पढ़ना1.किताबों को देखना और चित्रों की मदद से कहानी पढ़ने का प्रयास करना
2.कुछ परिचित दोहराए गए शब्दों को पहचानने और इंगित करने की शुरूआत करना (दृष्टि शब्दों या खाद्य कंटेनर / रैपर पर छपे शब्द )
3.अक्षरों और संगत ध्वनियों को पहचानना
4.कम से कम दो अक्षर वाले सरल शब्दों को पढ़ना
लेखन1. खेल के दौरान पहचान वाले अक्षरों को लिखने का प्रयास करना
2.आत्म अभिव्यक्ति के लिए पेंसिल घसीटना या चित्र बनाना
3.पेंसिल को ठीक से पकड़ना और पहचानने योग्य अक्षर बनाने के लिये उपयोग करना
4.अपने नाम के पहले शब्द को पहचानना और लिखना
संख्यात्मक1.वस्तुओं की गिनती और 10 तक संख्याओं से सह संबंध स्थापित करना
2.10 तक के अंकों को पहचानना और पढ़ना
3.वस्तुओं की संख्या के सन्दर्भ में दो समूहों की तुलना करना और अधिक / कम / बराबर आदि जैसे शब्दों का उपयोग करना
4.एक क्रम में घटनाओं की संख्या / वस्तुओं / आकृतियों / घटनाओं को व्यवस्थित करना
5.वस्तुओं को उनकी अवलोकनीय विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत करना और वर्गीकरण के मानदंड का संचार करना
6.अपने आसपास की विभिन्न वस्तुओं के सन्दर्भ में तुलनात्मक शब्दों का उपयोग करना, जैसे-लंबे, सबसे लंबे, सबसे छोटे से अधिक हल्के आदि

कक्षा-1 या आयु 6-7 वर्ष

मौखिक भाषा
1.अपनी आवश्यकताओं, परिवेश के बारे में दोस्तों और कक्षा शिक्षक के साथ बातचीत करना
2.कक्षा में उपलब्ध प्रिंट सामग्री व इसके विषयवस्तु पर बात करना
3.कविताओं / गीतों को एक्शन के साथ सुनाना
पढ़ना1. कहानी कहने के सत्र के दौरान सक्रिय रूप से भाग लेना तथा कहानी सत्र के दौरान और बाद में सवालों का जवाब देना ; कठपुतलियों और अन्य सामग्रियों के साथ परिचित कहानी का अभिनय करना
2.वर्तनी के साथ शब्द लिखने के लिये ध्वनि प्रतीक का उपयोग करना
3.आयु उपयुक्त अज्ञात पाठ में कम से कम 4-5 सरल शब्द सहित छोटे-छोटे वाक्य पढ़ना
लेखन1.परिचित संदर्भों (कहानी / कविता/ पर्यावरण संबंधी प्रिंट आदि) में प्रयोग होने वाले शब्दों में मात्राओं के साथ परिचित होना
2.लेखन, ड्राइंग, और / या चीजों को अर्थ देना और अपने कार्यपत्र बधाई संदेश, चित्रों आदि पर अपना नाम लिखना और ऐसे चित्र बनाना जो पहचनाने योग्य हों या अन्य लोगों से मेल खाते हों
3.पेंसिल को ठीक से पकड़ना और पहचानने योग्य अक्षर बनाने के लिये उपयोग करना
4.अपने नाम के पहले शब्द को पहचानना और लिखना
संख्यात्मक1.20 तक वस्तुओं की गिनती करना
2.99 तक की संख्या पढ़ना और लिखना
3.दैनिक जीवन स्थितियों में 9 तक संख्याओं के जोड़ और घटाव का उपयोग करना
4.अपने चारों और 3डी आकृतियों (ठोस आकृतियों) के भौतिक गुणों का अवलोकन और वर्णन करना / जैसे-गोल / समतल सतह, कोनों और किनारों की संख्या आदि
5.गैर मानक- गैर समान इकाइयों जैसे हाथ की लम्बाई, पैर की लम्बाई, उंगलियों आदि का उपयोग करके लम्बाई का अनुमान लगाना और पुष्टि करना और गैर मानक इकाईयों जैसे- कप, चम्मच, मग आदि का उपयोग करने की क्षमता रखना
6.आकार और संख्याओं का उपयोग करके छोटी कविताओं और कहानियों का निर्माण और पाठ करना

कक्षा-2 या आयु 7-8 वर्ष

मौखिक भाषा
1.कक्षा में उपलब्ध प्रिंट सामग्री के बारे में बात करना
2.प्रश्न पूछने के लिए बातचीत में संलग्न होना और दूसरों को सुनना
3.गीत / कवितायें सुनाना
4.कहानियों / कविताओं / प्रिंट आदि में होने वाले परिचित शब्दों को दोहराना
पढ़ना1.बच्चों के साहित्य / पाठ पुस्तकों से कहानियों को पढ़ना / वर्णन करना / फिर से बताना
2.किसी दिए गए शब्द के अक्षरों से नए शब्द बनाना
3.आयु उपयुक्त अज्ञात पाठ से उचित गति और स्पष्टता के साथ शब्दों के 8-10 वाक्यों को पढ़ना (लगभग 45 से 60 शब्द प्रति मिनट सही ढंग से)
लेखन1.स्वयं को व्यक्त करने के लिए छोटे / सरल वाक्यों को सही ढंग से लिखना
2.संज्ञा शब्द, क्रिया शब्द और विराम चिन्हों को पहचानना
संख्यात्मक1.999 तक संख्या पढ़ना और लिखना
2.99 तक की संख्याओं को जोड़ना और घटाना, दैनिक जीवन स्थितियों में 99 तक की वस्तुओं का योग
3.गुणा और जोड़ को समान वितरण / बंटवारे के रूप में गुणा करना और 2,3 और 4 के गुणन तथ्यों (तालिकाओं) का निर्माण करना
4.गैर मानक इकाइयों जैसे-रॉड, पेंसिल, धागा, कप, चम्मच, मग आदि का उपयोग करके लम्बाई / दूरी / क्षमता का अनुमान लगाना और मापना और सरल संतुलन का उपयोग करके वजन की तुलना करना
5.आयत, त्रिभुज, वृत्त, अंडाकार आदि जैसे 2-डी आकृतियों की पहचान करना और उनका वर्णन करना
6.दूर / पास, अंदर / बाहर, ऊपर / नीचे, बाएं / दाएं, आगे / पीछे आदि जैसे स्थानिक शब्दावली का उपयोग करना
7.संख्याओं और आकृतियों का उपयोग करके सरल पहेलियों को बनाना और हल करना

कक्षा-3 या आयु 8-9 वर्ष

मौखिक भाषा
1.घर / स्कूल में उपयुक्त शब्दावली का उपयोग करके स्पष्टता के साथ बातचीत करना
2.कक्षा में उपलब्ध प्रिंट सामग्री के बारे में बात करना
3.सवाल पूछने अनुभव बताने, दूसरों को सुनने और जवाब देने के लिए बातचीत में हिस्सा लेना
4.कविताओं को व्यक्तिगत रूप से और समूह में आवाज का उतार-चढ़ाव और आवाज बदल कर सुनना
पढ़ना1.परिचित पुस्तकों / पाठ्य पुस्तकों में जानकारी प्राप्त करना
2.भाषा के आधार पर और एक आयु उपयुक्त अज्ञात पाठ से सही उच्चारण के साथ लगभग 60 शब्द प्रति मिनट की इष्टतम गति के साथ पढ़ना
3.पाठ में दिए गए निर्देशों को पढ़ना और उनका पालन करना
4.आयु उपयुक्त अज्ञात कहानी / 8-10 वाक्यों के अनुच्छेद को पढ़ के 4 में से कम से कम 3 प्रश्नों का उत्तर दे सकें
लेखन1.विभिन्न उद्देश्यों के लिए लघु संदेश लिखना
2.लिखने के लिए क्रिया शब्दों, नामकरण और विराम चिन्हों का उपयोग करना
3.व्याकरण की दृष्टि से सही वाक्य लिखना
4.व्याकरण की दृष्टि से सही वाक्यों का प्रयोग करके स्वयं छोटे अनुच्छेद और छोटी कहानियां लिखना
संख्यात्मक1.9999 तक संख्या पढ़ना और लिखना
2.999 तक की संख्याओं को जोड़ना और घटाना, दैनिक जीवन स्थितियों में 1999 तक की वस्तुओं का योग
3.2 से 10 की संख्या के गुणन तथ्यों (तालिकाओं) का निर्माण एवं उपयोग करना तथा विभाजन तथ्यों का उपयोग करना
4.मानक इकाइयों जैसे-मीटर, किमी, ग्राम किग्रा, लीटर आदि का उपयोग करके लम्बाई / दूरी, वजन और क्षमता का अनुमान लगाना और मापना
5.3डी आकृतियों (ठोस आकृतियों) के साथ मूल 2डी आकृतियों की पहचान करना और सम्बन्धित करना और उनके गुणों जैसे-चेहरे, किनारों और कोनों आदि की संख्या का वर्णन करना
6.किसी तिथि और दिन की कैलेण्डर पर पहचान करना, घंटे और आधे घंटे में घड़ी पर समय पढ़ना
7.वस्तुओं के संग्रहण में आधा एक चौथाई, एक पूरे के तीन-चौथाई आदि के रूप में पहचान करना
8.संख्याओं, घटनाओं और आकारों पर सरल पैटर्न के लिए नियमों की पहचान करना, विस्तार करना और संवाद करना

FAQ

प्रश्न.NIPUN (निपुण) का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर.National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy(राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन)

प्रश्न.निपुण भारत मिशन किन-किन कक्षाओं हेतु चलाया जा रहा है?

उत्तर.कक्षा-1,कक्षा-2, एवं कक्षा-3 हेतु

प्रश्न.निपुण भारत का लक्ष्य किस वर्ष तक प्राप्त किया जाना है?

उत्तर.वर्ष 2026-27 तक

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