संज्ञा (Noun)

नामों का जो  बोध कराए, वह शब्द संज्ञा कहलाए l

संज्ञा का अर्थ होता है नाम । विश्व में जितने भी व्यक्ति या वस्तुएँ हैं, उनका कोई-न-कोई नाम अवश्य होता है जिसे संज्ञा कहते हैं ।जैसे-

  • सरिता पुस्तक पढ़ती है। 
  • कविता गणित पढ़ेगी।
  • सूरज शहर गया।

उपर्युक्त तीनों वाक्य में तीन व्यक्तियों के बारे में कुछ बातें कही गयी हैं। जब किसी के विषय में कुछ कहा जायेगा तब उसका नाम लेना पड़ेगा। नाम न होगा तो नाम रखना पड़ेगा। वस्तुओं अथवा दशाओं का ज्ञान न होगा तो उनका नाम लेकर बताना होगा। नाम का दूसरा नाम व्याकरण में संज्ञा है।

संज्ञा (Noun) की परिभाषा

वह शब्द, जिससे किसी प्राणी, वस्तु अथवा भाव का नाम ज्ञात हो, संज्ञा कहलाता है; जैसे-ऊषा, गुलाब, पाटलिपुत्र, बचपन आदि । 

संज्ञा के भेद (Kinds of Noun)

हिन्दी में संज्ञा के तीन भेद होते हैं

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 

2. जातिवाचक संज्ञा 

3. भाववाचक

नोटः अब अधिकांश वैयाकरण संज्ञा के पाँच भेद मानते हैं 

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 

2. जातिवाचक संज्ञा 

3. समूहवाचक संज्ञा

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

5. भाववाचक संज्ञा

जो लोग संज्ञा के तीन भेद ही मानते हैं वे समूहवाचक एवं द्रव्यवाचक संज्ञा के शब्दों को जातिवाचक संज्ञा के अन्तर्गत रखते हैं। हिन्दी-व्याकरण में सभी तरह की संज्ञाओं को दो भागों में बाँटा गया है- 

प्रथम -वस्तु की दृष्टि से और 

द्वितीय -धर्म की दृष्टि से

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

जिस शब्द से किसी एक ही व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं, जैसे-प्रयाग, सन्ध्या, अंकित, काशी, द्वारका, हिमालय, गंगा आदि ।

2. जातिवाचक संज्ञा

जिस शब्द अथवा नाम से किसी व्यक्ति अथवा वस्तु की समस्त जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है; जैसे-मनुष्य, पर्वत, (व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञाओं में प्रधान अन्तर यह है कि व्यक्तिवाचक में किसी वर्ग के एक ही का बोध है और जातिवाचक में समस्त का।) 

3. समूहवाचक संज्ञा

जिस शब्द से किसी वस्तु अथवा व्यक्ति के समूह का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-सभा, भीड़, कुंज

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

जिस शब्द से नाप तौल वाली वस्तु का बोध द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं, जैसे- कोयला, दूध आदि

5. भाववाचक संज्ञा

जिस शब्द से किसी वस्तु अथवा व्यक्ति के गुण, दशा, भाव, व्यापार, धर्म, अवस्था, स्वभाव का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-दया, सच्चाई, क्रोध, दरिद्रता, चढ़ाई आदि । 

अभ्यास कार्य

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) संज्ञा किसे कहते हैं?

(ख) संज्ञा के कितने भेद होते हैं?

(ग) जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? 

(घ) भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए l

2. निम्नलिखित के लिए तीन-तीन संज्ञा शब्द लिखिए

(क) व्यक्तियों के नाम………….

(ख) स्थानों के नाम पटना लखनऊ ……….

(ग) नदियों के नाम……….

(घ) फलों के नाम………..

(ङ) शहरों के नाम………

3. उचित संज्ञा शब्दों द्वारा खाली स्थान भरिए

(क) ….. जंगल का राजा है।

(ख) मैं …… में रहती हूँ।

(ग) …….. उत्तर प्रदेश की राजधानी है।

(घ) मिठाई में ……… होती है।

(ङ) …………….पूरब में निकलता है।

4.नीचे लिखे वाक्यों में से संज्ञा शब्द छाँटकर लिखिए

(क) राम किताब पढ़ता है।……..

(ख) अंगूरों में खटास है ।……..

(ग) गंगा एक पवित्र नदी है ।……..

(घ) चाय गरम है।………..

(ङ) राधा मंदिर गई है।……..

5. दिए गए संज्ञा शब्दों के उदाहरण अलग-अलग खाली स्थानों में लिखिए

आम, फूल, छाता, विद्यालय, भेड़, रानी, महेश, ताजमहल, कानपुर, मोर, हाथी, गीता
प्राणीव्यक्तिवस्तुस्थान

FAQ

प्रश्न.संज्ञा किसे कहते हैं?

उत्तर. वह शब्द, जिससे किसी प्राणी, वस्तु अथवा भाव का नाम ज्ञात हो, संज्ञा कहलाता है; जैसे-ऊषा, गुलाब, पाटलिपुत्र, बचपन आदि ।

प्रश्न.संज्ञा के कितने भेद होते हैं?

उत्तर. अधिकांश वैयाकरण संज्ञा के पाँच भेद मानते हैं 
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा 
2. जातिवाचक संज्ञा 
3. समूहवाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. भाववाचक संज्ञा

प्रश्न. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?

उत्तर. जिस शब्द अथवा नाम से किसी व्यक्ति अथवा वस्तु की समस्त जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है; जैसे-मनुष्य, पर्वत आदि l

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