कम्पोजिट ग्राण्ट से कार्य की वरीयता, कहाँ-कहाँ पैसा खर्च करना है !

कम्पोजिट ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय प्रबन्ध समिति के खातों में श्रेणी के अनुसार ही हस्तान्तरित की जायेगी, जिसका व्यवहरण अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव (प्रधानाध्यापक ) के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा उ0प्र0 के पत्रांक- नि०का० / रा०शि० / क०स्कूल ग्राण्ट / 2867 / 2022-23 दिनांक- 26 जुलाई 2022 के द्वारा वर्ष 2022-23 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय / उच्च प्राथमिक विद्यालय / कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट ग्राण्ट की धनराशि आवंटित की गयी है।

आवंटित धनराशि का निम्नवत कार्यों में विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदनोपरान्त किया जायेगा । 

1. कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि में से न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि स्वच्छता अभियान / कार्यक्रम पर व्यय हेतु निर्धारित है, जो विद्यालय भवन परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि, विद्यालय में स्वच्छता सामग्री यथा ट्वायलेट, क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना, झाडू, डस्टिंग क्लॉथ, नेलकटर, हैण्डवॉश, सैनिटाइजर इत्यादि अनिवार्य रूप से वर्ष पर्यन्त आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहें । 

2. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का संतृप्तीकरण के लिए कार्य कराये जाये।जैसे-शुद्ध पेयजल, शौचालय/मूत्रालय में नल-जल आपूर्ति, शौचालय का टाइलीकरण, मल्टीपल हैंडवाश यूनिट, श्याम पट्ट, रैंप एवं रेलिंग निर्माण, बालक/बालिका मूत्रालय।

3. जिन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप मल्टीपल हैण्डवाशिंग सिस्टम की व्यवस्था किन्हीं कारणों से अभी तक नहीं हो सकी है अथवा जहां मल्टीपल हैण्डवाशिंग सिस्टम में छात्र – छात्राओं की संख्या के अनुरूप टोटियाँ नहीं स्थापित हैं, वहाँ मल्टीपल हैण्डवाशिंग सिस्टम की व्यवस्था / पर्याप्त टोटियों की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है। इस व्यवस्था की क्रियाशीलता के लिये रनिंग वॉटर की सुविधा अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जानी है। विद्यालय के ऐसे शौचालय / मूत्रालय जो छोटी-छोटी मरम्मत / छोटे-छोटे कार्य यथा – शौचायल शीट / यूरेनल पॉट में टूट-फूट लेच-पिट निर्मित न होने अथवा कम गहरा होने आदि के कारण अक्रियाशील हैं, उनमें उक्त कार्यों को कराकर उन्हें क्रियाशील कराया जायेगा। यदि शौचालय में टाइलीकरण का कार्य नहीं हुआ है, तो इसे अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाये ।

4. हैण्ड पम्प / सवमर्सिवल पम्प के पास पक्का प्लेटफार्म एवं सोख्ता- गड्ढा का निर्माण अनिवार्य रूप से कराया जायेगा, ताकि हैण्डपम्प के आस-पास जल भराव न हो सके तथा साफ-सफाई रहें ।

5. रसोईघर में भोजन तैयार किये जाने एवं रसोईघर तथा बर्तनों की साफ-सफाई हेतु जल आपूर्ति एवं जल निकासी की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी।

6. यथावश्यक शिक्षण सहायक सामग्री (अधिकतम रू० 2000 /- की सीमा तक ) यथा प्रिन्ट रिच मैटीरियल, विज्ञान किट, गणित किट, मानचित्र पर इस धनराशि का उपभोग किया जा सकता है। विद्यालय में नामांकित दिव्यांग छात्रों हेतु टी०एल०एम० एवं दृष्टि दिव्यांग छात्रों हेतु एम्बोस्ड ग्लोब तथा एम्बोस्ड मानचित्र का आवश्यकतानुसार क्रय भी किया जा सकता है।

7. जिन विद्यालयों में टी०एल०एम० के रख-रखाव हेतु अलमारी का क्रय अभी तक नहीं किया गया है, उनमें इस हेतु अलमारी क्रय की जायेगी।

8. फर्स्ट-एड-बॉक्स हेतु क्रय की गयी सामग्री / दवाईयों की समाप्ति तिथि (एक्सपायर डेट ) का अवश्य मिलान करा लिया जाये तथा एक्सपायर दवायें नष्ट कर दी जायें एवं आवश्यकतानुसार सामग्री का क्रय किया जायेगा।

9. विद्यालय में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र की समय से रिफिलिंग सुनिश्चित की जायेगी।

10. विद्यालय के अक्रियाशील विद्युत उपकरण यथा-एल०ई०डी०, ट्यूबलाइट, पंखें स्विच आदि को ठीक करने अथवा उसके बदलने का कार्य कराया जायेगा।

11. उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए इस अनुदान राशि से प्रयोगशालाओं और कम्प्यूटर शिक्षा विषय आवश्यकतानुसार कन्ज्यूमेबल सामग्री तथा इण्टरनेट पर भी व्यय किया जा सकता है।

12. यदि विद्यालय की रंगाई-पुताई के 03 वर्ष पूर्ण हो चुके है एवं अद्यतन किसी अन्य मद से नहीं कराई गयी है, तो विद्यालय की रंगाई-पुताई, दरवाजे, खिड़कियों, ग्रिल, चहारदीवारी, गेट के पेन्ट एवं वॉल – पेन्टिंग का भी कार्य आवश्यकतानुसार कराया जायेगा। जनपद के समस्त परिषदीय विद्यालयों में एकरूपता लाये जाने के लिए आवश्यक है कि भवन के बाहर से अनिवार्य रूप से सफेद रंग में पुतवाया जायेगा।

13. समस्त विद्यालयों में निपुण भारत के लोगो की पेन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये, जो जनसामान्य प्रथम दृष्ट्या दृश्यमान हो। लोगो की पेन्टिंग की माप 45 से०मी० चौड़ा एवं 60 से०मी० ऊँचें आयताकार आकार में होगी।

14. प्रत्येक विद्यालय में भवन की दीवार पर कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के मद में उपलब्ध एवं व्यय होने वाली धनराशि का वर्षवार एवं मदवार विवरण पेन्ट कराया जायेगा

15. कक्षा -1 के लिए विशेष पेन्टिंग की व्यवस्था यथा-वाल वाटिका का लोगो इत्यादि की पेन्टिंग करायी जायेगी।

16. विद्यालय में उपलब्ध मरम्मत योग्य सामग्री यथा-कुर्सी, मेज, झूला, हैण्डपम्प, ब्लैक बोर्ड, फर्श एवं दीवार के आंशिक प्लास्टर / पैच वर्क एवं अन्य समस्त प्रकार की छोटी-मोटी मरम्मत एवं रख-रखाव, यथावश्यक दरवाजे हेतु ताले एवं इण्टरलॉकिंग इत्यादि कार्य कराया जायेगा।

17. जहाँ पर फर्नीचर की व्यवस्था न हो वहाँ पर्याप्त संख्या में टाट-पट्टी / चटाइयाँ / दरी (बच्चों की कक्षा कक्ष में बैठने हेतु ) की व्यवस्था की जायेगी।

18. ऐसे परिषदीय विद्यालय में, जहाँ ‘स्मार्ट क्लास की स्वीकृति / स्थापित है, उनमें सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से विद्यालय के गेट और कक्षों के समस्त दरवाजों पर सामान्य ताला के स्थान पर डबल इण्टरलॉकिंग की व्यवस्था की जायेगी, साथ ही जिस कक्षा-कक्ष में स्मार्ट क्लास के उपकरण हो, उसकी खिड़कियों पर लोहे की सुरक्षित ग्रिल व पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित कुन्डी की व्यवस्था की जायेगी एवं दरवाजे लोहे के होंगे

19. ऐसे विद्यालय जिसमें सभी कक्षा-कक्ष की फर्श टूटी-फूटी / क्षतिग्रस्त है और वहाँ रू0 75000/- या उससे अधिक कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि प्राप्ति हो रही है वहाँ, उपरोक्त बिन्दुओं के कार्य कराये जाने के पश्चात यदि पर्याप्त धनराशि अवशेष बचती है, तो उपलब्ध धनराशि के अनुरूप कक्षा-कक्षों के टाइलीकरण का कार्य विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदनोपरान्त कराया जायेगा l

विद्यालय प्रबन्ध समितियों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न सामग्रियों की क्रय प्रक्रिया में निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा

  • यदि गतवर्ष कम्पोजिट ग्राण्ट की धनराशि शेष हो तो उसे वर्तमान वर्ष की धनराशि के साथ सम्मिलित कर संयुक्त कार्ययोजना बनाकर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदन से कार्य कराया जा सकेगा।
  • विद्यालय की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही वित्तीय नियमों का पालन करते हुए अच्छी गुणवत्ता की सामग्री क्रय की जानी है। यदि कोई कार्य अन्य योजना / मद के अन्तर्गत पूर्व में कराया जा चुका है अथवा अन्य योजनान्तर्गत कार्ययोजना में अनुमोदित है, तो पुनः कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट का उपयोग ऐसे कार्य के लिये न किया जाय। जो सामग्री गतवर्ष / पूर्व में क्रय की जा चुकी हो उससे क्रय सूची में अनावश्यक रूप से शामिल नहीं होना चाहिए। यह विशेष ध्यान रखा जाये कि एक ही कार्य के लिए दो मदों से धनराशि कदापि आहरित न हो। इस प्रकार के तथ्य प्रकाश में आने पर इसे गबन की श्रेणी में मानते हुए कार्यवाही की जायेगी
  • शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत क्रय प्रक्रिया सम्बन्धी शासनादेशों, नियमावलियों एवं निर्देशों का अनुपालन किया जाये एवं स्टोर पर्चेज रूल्स में दिये गये आदेश एवं निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा। उक्त हेतु निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कोटेशन / निविदा प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा l

कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता के सम्बन्ध में निम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन अनिवार्यतः सुनिश्चित कराया जायेगा

1. सामग्री क्रय में निर्धारित मानक एवं स्पेसीफिकेशन का पालन किया जायेगा ।

2. क्रय की जाने वाली सामग्री प्रमुखतया भारतीय मानक ब्यूरो (BSI) प्रमाणित हो तथा यथा सम्भव जी०एस०टी० पंजीकृत फर्म से ही क्रय करने की कार्यवाही की जायेगी

3. जो सामग्री BSI द्वारा प्रमाणित न हो वह मूल निर्माता / उत्पादक अथवा अधिकृत विक्रेता से ही क्रय की जायेगी।

उक्त के सम्बन्ध में क्रय प्रक्रिया में पारदर्शिता, सामग्री की गुणवत्ता तथा अभिलेखों का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने हेतु गठित समिति के सदस्य एवं अन्य निरीक्षणकर्ता द्वारा रेण्डम आधार पर विद्यालय को चिन्हित करते हुए प्रति विकासखण्ड 20-20 विद्यालयों की जांच की जायेगी। सत्यापन टीम द्वारा कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि के उपभोग, विद्यालयों में कराये गये कार्यों एवं क्रय प्रक्रिया, सामग्रियों की गुणवत्ता तथा अभिलेखों के रख-रखाव की जांच की जायेगी। सत्यापन के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता तथा गुणवत्ता में कमी पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी / कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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